कुबेर देवता कौन है ?
कुबेर देवता को धन का स्वामी माना जाता है। यक्षों के स्वामी कुबेर उत्तर दिशा के दिक्पाल और लोकपाल माने जाते हैं। इन्हें भगवान शिव का परम भक्त और नौ निधियों का देवता भी कहा गया है।
कुबेर देवता को जानने के लिए या उन्हें समझने के लिए मैं एक छोटी सी कहानी आप सबको सुनना चाहता हूं । इस छोटी सी कहानी से आप सब समझ पाएंगे की कुबेर देवता कौन है और उन्हें कुबेर नाम कैसे मिला ।
एक बार एक चोर रात के अंधेर में भगवान शिव के मंदिर में कुछ खाने के इरादे से गया । लेकिन उसके पास रात के समय उजाला करने के लिए कोई साधन नहीं था। उसने मंदिर में रखे त्रिशूल को उठाया और अपने तन का कपड़ा लपेटकर वहां जलते दिए से उसने आग लगाई और चारो तरफ देखने लगा और तभी गांव के लोगो ने उसे पकड़ लिया और उसे मार दिया । लेकिन उसने जो अपने तन का कपड़ा जलाकर जो रोशनी की थी उससे भगवान भोलेनाथ ने सोचा किसी ने मंदिर में महा दीप दान किया है । जिसके बाद उसका पुनर्जन्म हुआ और वो एक राजा का बेटा बनकर पैदा हुआ । और जो उसने पिछले जन्म में पुण्य किया था उससे भगवान शिव की भक्ति भी उसे प्राप्त हुई । और जब वो राजा बना तो उसने अपने पूरे राज्य में भगवान शिव की भक्ति का प्रचार प्रसार करना शुरू कर दिया और अपनी प्रजा शिवालये में दीप दान करने का महत्व सिखाया। और हर रोज शिवालये में दीप दान के लिए कहा जिससे उसका पुण्य और भी ज्यादा बढ़ गया।
फिर उनका जन्म हुआ ब्राह्मण के घर और इस जन्म में भी उसने भगवान शिव की भक्ति पायी और अपना पूरा जीवन शिव भक्ति में लगा दिया । शिव की भक्ति में लीं उनके शरीर का पूरा मॉस गल गया और सिर्फ हाड़ियाँ ही बची । तब शिव उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर प्रकट हुए और माता पार्वती भी उनके साथ आयी । जब उन्होंने माता पार्वती को देखा तो उनके रूप से वो ईर्ष्या कर बैठे तभी माता पार्वती ने अपनी क्रूर दर्ष्टि से उनकी एक आँख फोड़ दी। माता पार्वती ने शिव जी से पूछा ये कौन है मुझे ऐसे देखकर क्या बोल रहे है। तभी शिवजी ने उन्हें बताया ये महात्मा आपके रूप को देखकर ये सोचा रहे है आपने ऐसी कौन सी तपस्या की है जो आप मेरे साथ विराजमान है। तभी माता पार्वती ने उनके तप से प्रसन्न होकर उन्हें कुबेर का नाम दिया और शिव जी ने उन्हें धन का राजा बना दिया। इस तरह से भगवान शिव की भक्ति का फल उन्हें मिला। और वो धन के देवता - कुबेर बने । जिन्हें आज पूरा संसार कुबेर देवता के नाम से पूजता है और उनके नाम का दीप जला कर धन, वैभव और समृद्धि प्राप्त करता है
कुबेर दीपम घर में रखने से क्या होता है ?
आपके पास हमेशा धन की कोई कमी नहीं होती इसके लिए कुबेर देवता की पूजा की जाती है। घर में कुबेर दीपम जलाया जाता है आपके जीवन में सुख और शान्ति का वास रहता है और आपके तरक्की के रास्ते बनने लगते है। बुरे ग्रहो का प्रभाव आपके जीवन से कम होने लगता है इसलिए धन के देवता कुबेर की पूजा करना या कुबेर दीपम जलाना बहुत जरूरी है हर किसी के लिए । कुबेर दीपम जलाने से कुबेर देवता का आशीर्वाद सदा आपके सर पर बना रहता है । घर में कुबेर दीप जलाने से सुख शान्ति का वास रहता है। आने वाला हर संकट टल जाता है। दुकान पर या ऑफिस के मंदिर में या उत्तरी दिशा में कुबेर दीपम जरूर जलाना चाहिए ताकि काम में बरकत हो। कुबेर दीपम रखने से आपके सारे बंद रास्ते खुल जाते है।
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कुबेर दीपम के फायदे क्या है ? (Benefits of kuber deepam )
- दिव्य शक्ति कुबेर दीपम सौभाग्य, समृद्धि और धन लाने के लिए जाना जाता है।
- इस अनोखे कुबेर दीपम का उपयोग लक्ष्मी कुबेर पूजा में आशीर्वाद लेने और भौतिक वृद्धि और समृद्धि प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
- कुबेर दीपम का उपयोग हम आर्थिक उन्नति और कर्ज मुक्त जीवन के लिए प्रतिदिन कर सकते हैं।
- इसके प्रयोग से परिवार में चल रहे विवाद दूर होकर शांति आती है।
कुबेर दीपम का प्रभाव आपके पुरे परिवार के सदस्यों पर पड़ता है
कुबेर दीपम को आप कहा से खरीदे ? इसकी कीमत क्या है ?
कई लाभों से लाभान्वित करने वाले, अष्टलक्ष्मी का अनुग्रह प्राप्त इस दिव्य शक्ति कुबेर दीपम को आप अपने पास मंगवा सकते है मात्र 2500 रुपय में ।
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