51 शक्ति पीठो का केंद्र बिंदु
हरिद्वार को स्वर्ग का द्वार माना जाता है क्युकी देवभूमि में कदम रखने के लिए सबसे पहले हरिद्वार से आना पड़ता है जहाँ माँ गंगा का मैदानी क्षेत्र में प्रथम प्रवेश है , इसी के साथ हरिद्वार में अनेको मंदिर अपना इतिहास समेटे हुए बैठे है उन्ही में से एक मंदिर आता है जिनका नाम माँ माया देवी मंदिर है , इनको हरिद्वार ही अधिष्टात्री देवी भी माना जाता है , कहा जाता है माया देवी मंदिर ब्रह्माण्ड का केंद्र है क्युकी यहाँ माँ सटी की नाभि गिरी थी थी लेकिन इस मंदिर में स्थित माँ माया देवी का इतिहास अलग कहानी दर्शाता है जो आज में इस ब्लॉग के माध्यम से आपको बताऊंगा
जानिए हरिद्वार के सबसे पुराने मंदिर का इतिहास - दक्ष प्रजापति शिव मंदिर
.वैसे माया देवी हरिद्वार की रक्षक देवी भी है जो हरिद्वार में आने वाली बुरी शक्तियों से हरिद्वार की रक्षा करती है अगर माया देवी मंदिर नष्ट हुआ तो हरिद्वार में बहोत बड़ा संकट आ सकता है यह मंदिर चंडी देवी देवी और मनसा देवी के बीच में स्थित है जिससे यह तीनो मंदिर त्रिकोण मंदिर के तौर पर बनते है
माँ माया देवी के मंदिर में मां काली और देवी कामाख्या देवी के दर्शन भी भक्तो को होते है , माँ माया देवी के दर्शन करने मात्र से ही सभी बिगड़े काम बन जाते है, और जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो जाती है , माँ के मंदिर के साथ भैरव बाबा का मंदिर भी है जिनके दर्शन करना भी आवश्यक है , सुबह और शाम यहाँ विशाल आरती होती है , और जो इस आरती के साक्षी होते है वो अत्यंत भाग्य शाली होते है , माँ के दर्शनकरने लोग गुजरात बिहार , छत्तीसगढ़ , से बसों में भर भर के आते है , मंदिर के साथ ही एक धर्म शाला भी है जहानलोग रुक कर माता के समीप रहते है और उनके दर्शन करते है . जिसने भी सच्चे दिल माँ माया देवी को याद किया माँ ने उनके कष्टों को हमेशा दूर किया है
मंदिर का इतिहास (History Of Maya Devi Temple) -
अधिकतर लोग पन्ना रत्न क्यों धारण करते है
दोस्तों यह तो आपको ज्ञात होगा ही माता सती अपने पिता दक्ष के यहाँ बिन बुलाये उनके यज्ञ में पहुँच गयी थी जहाँ उनके सामने भगवान् शिव का अपमान हुआ और अपने पति का अनादर होता देख माता सती से बर्दाश्त नहीं हुआ और यहाँ आकर माँ सती ने अपने प्राण त्याग दिए . आज जहाँ माया देवी का मंदिर वहां माँ सती ने अपने प्राणो की आहुति दी थी थी . लेकिन सभी जगह हमें यह कहानी सुनने को मिलती है की यहाँ माँ की नाभि गिरी थी लेकिन मंदिर में माँ की सपूर्ण कहानी का वर्णन है और यहाँ के पुजारी जी से बात करने के बाद भी हमे यही जानने को मिला अब इस बात में कितनी सच्चाई है यह तो प्रकृति को ही पता है लेकिन इस मंदिर में असीम शक्तिया है जिसका अनुभव आपको यहाँ आने पर ही होगा
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पूरे देश भर से लोग माया देवी के दर्शन करने आते है वैसे तो हरिद्वार में अनेकोमंदिर है लेकिन माया देवी के चमत्कारों की वजह से यह मंदिर छोटा होने के बावजूद हरिद्वार में अपनी अलग पहचान रखता है