आज हम बात करेंगे सबसे अच्छा पुखराज कौन सा है और इसके क्या लाभ है
Which Pukhraj Stone is considered the Best
सीलोन का पीला पुखराज, सबसे अच्छा पुखराज माना जाता है. यह अपने रंग की स्थिरता और स्पष्टता के लिए जाना जाता है. वहीं, थाई पुखराज भी रत्न जगत में लोकप्रिय है।
- पुखराज को संस्कृत में पुष्पराज, गुरु रत्न, गुजराती में पीलू राज, और कन्नड़ में पुष्पराग कहते हैं।
- पुखराज कोरंडम खनिज परिवार का एक कीमती रत्न है।
- पुखराज रंगहीन, भूरे, हरे, नारंगी, गुलाबी, लाल, और पीले रंगों में पाया जाता है।
- इंपीरियल पुखराज, जो नारंगी से लाल रंग का होता है, पुखराज की सबसे दुर्लभ और सबसे मूल्यवान किस्म है।
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- वैदिक ज्योतिष के मुताबिक, पीला पुखराज दाहिने हाथ की तर्जनी अंगुली में पहनना शुभ माना जाता है।
- रत्न ज्योतिष में 7 या 12 कैरेट का पीला पुखराज धारण करना शुभ माना जाता है।
- इस रत्न को सोने की अंगूठी में जड़वा कर पहनना चाहिए।
सीलोन का पुखराज पत्थर शायद सबसे लोकप्रिय प्रकार का पीला नीलम है, और अच्छे कारण से। इन रत्नों की विशेषता उनके गहरे और चमकीले पीले रंग से होती है,जिससे उनकी पारदर्शिता और चमक बढ़ जाती है।
पुखराज पहनने के फायदे और नुकसान
पुखराज किसे पहनना चाहिए ?
ज्योतिष के मुताबिक, धनु, मीन, मेष, और सिंह राशि के लोगों को पुखराज पहनना चाहिए. साथ ही, जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह मजबूत हैं या शुभ स्थिति में हैं, वे भी पुखराज पहन सकते हैं. वहीं, जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह नीच स्थिति में हैं, उन्हें पुखराज नहीं पहनना चाहिए।
रत्न धारण करने से पहले आपको किसी अच्छे ज्योतिषी की सलाह लेना बहुत जरूरी है।
पुखराज को धारण करने से कौन सा ग्रह होता है मजबूत
ज्योतिष में रत्न शास्त्र का विशेष स्थान है। कुंडली में गुरु ग्रह को अनुकूल बनाने के लिए पुखराज को धारण करने की सलाह दी जाती है। गुरु ग्रह के अनुकूल होने पर ही आप तरक्की कर पाते हैं और जीवन में मुकाम हासिल कर पाते हैं। आइए आपको बताते हैं पुखराज पहनने के लाभ और इसको कब व कैसे धारण किया जा सकता है।
पुखराज पहनने के नियम क्या है - पुखराज कैसे धारण करें?
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, पुखराज रत्न को धारण करने से गुरु ग्रह मज़बूत होता है. पुखराज, बृहस्पति देव का प्रतिनिधित्व करता है। गुरु ग्रह का संबंध शिक्षा, सुख-समृद्धि पिता और संतान से माना जाता है।
पुखराज को ज्योतिष में गुरु ग्रह यानी कि बृहस्पति का रत्न माना जाता है। गुरु को मजबूत बनाने के लिए पुखराज को धारण करने की सलाह ज्योतिष में दी जाती है। ज्योतिष में गुरु का संबंध शिक्षक, पिता, संतान, धार्मिक कार्य, स्वर्ण और दान-पुण्य से माना जाता है। गुरु की स्थिति मजबूत होने पर आपको अपने जीवन में हर प्रकार की सफलता प्राप्त होती है।
लोग आपका सम्मान करते हैं। समाज में आपका एक स्थान होता है और आपके पास दौलत-शौहरत भरपूर होती है। जिन लोगों की कुंडली में गुरु कमजोर स्थिति में है, वे सोने की अंगूठी में पुखराज धारण कर सकते हैं। इससे उन्हें निश्चित ही लाभ मिलेगा। पुखराज धारण करने से व्यक्ति के ज्ञान में वृद्धि होती है और उसके लिए करियर में सफलता के नए रास्ते खुलने लगते हैं। आइए आपको बताते हैं पुखराज कब और कैसे धारण करना चाहिए और इसके क्या हैं लाभ।
पुखराज रत्न पहनने से क्या लाभ होता है? Pukhraj Stone Benefits
इसके अलावा तुला लग्न वाले जातक भी पुखराज की अंगूठी बनवाकर पहन सकते हैं, क्योंकि गुरु आपकी राशि में पंचम भाव के स्वामी माने जाते हैं। इसलिए आपके लिए यह रत्न फायदेमंद साबित हो सकता है।
अगर आप पुखराज पहनते हैं तो फिर आपको हीरा नहीं पहनना चाहिए।
पुखराज धारण करें और अपने बृहस्पति ग्रह को मजबूत बनाये ये आपके ग्रह को मजबूत बनाकर आपको सफलता की और ले जाता है। जिससे बदलाव आने शुरू जाता है।