

शहर में आप कितने ही बड़े आदमी क्यों न हो अगर आप ज़िंदगी में एक बार हिमालय को देख लेते हो तो खुद को चींटी के सामान पाते हो , और अगर अपने अपनी ज़िंदगी में कभी भी हिमालय नहीं देखा है तो आप एक बहोत बड़ी चीज़ से चूक रहे हो , ज़िंदगी में किसी काम के न रह जाने से पहले आपको हिमालय जरूर देखना चाहिए , क्युकी हिमालय ऊर्जा का केंद्र है यहाँ बड़े बड़े योगी , साधू संत साधना में लीन रहते है और जब वो अपने ध्यान में होते है एक उनसे एक ऊर्जा निकलती है और वो ऊर्जा पूरे वातावरण में हमेशा हमेशा के लिए फ़ैल जाती है जो सदियों तक वहां से जा नहीं पाती, अपने कभी ध्यान दिया होगा जितने संत योगी , महात्मा होते है वो ध्यान लगाने हिमालय में ही क्यों जाते है , क्युकी जब भी वो ध्यान लगते है उन्हें अपने चारो और ठोस पदार्थ की आवकश्यकता होती है , ज्यातर योगी गुफाओ में साधना करते है और हिमालय में कुदरती गुफाये बहोत सारी है वो अपनी अपनी ऊर्जा वही संचालित करते है बहोत से योगिओ ने उन गुफाओ को ही अपना घर बना लिया है , हम आम लोगो के लिए वो बस एक गुफा है लेकिन उन संतो के लिए पूरी दुनिया , आप दुनिया में कही भी चले जाइये आध्यात्मिक लोग आपको बस हिमालय में मिलेंगे।
केदारनाथ जो की हिमालय में बसा है , और दुनिया का सबसे शक्तिशाली मंदिर है , यहाँ बहुत से योगियों ने तप किया है ध्यान लगाया है, और भी हज़ारो संत आज भी साधना में लीन रहते है और उनकी साधना से जो एनर्जी निकलती है वो यहाँ आये हुए लोगो को एक अलग तरीके से महसूस होती है, यह सिर्फ एक मंदिर नहीं कहा जा सकता , ये जगह अनोखी उर्जाओ से भरपूर है , जो लोग यहाँ पर आ चुके है वो इस एनर्जी के बारे में आपको बता सकते है , यहाँ पर आये हुए अनेको लोग बस उस एनर्जी को फील करके रोते रहते है , ये एक ऐसी जगह है जो पल भर में बता सकती है कि आप कौन हो ,
जरा सोचिये दोस्तों केदारनाथ तक पहुंचे पहुंचते आप कितनी घुमावदार सड़को से होते हुए आते हो , फिर 16 से 17 किलोमीटर की चढाई करते हो रास्ते में आपकी सुख सुविधाओं के लिए , खाने पीने के लिए , रुकने लिए अनेको चीज़े मुहैया होती है , और सारी सुख सुविधाओं का इस्तेमाल करने बाद जब आप केदारनाथ के मंदिर तक पहुँच जाते हो तो आपके अंदर एक एनर्जी अपने आप डेवेलोप हो जाती हो सकता है, शायद आप रो भी दो भले आपका भगवन शिव से कोई नाता न हो, दोस्तों ये एनर्जी बहुत खास है ये अपने जीवन को बिलकुल पलट सकती है ,
Why Kedarnath is so much famous
लेकिन जरा ये भी सोचिये की आज से 200 से 400 साल पहले लोग उन्ही रातो से जिन रास्तो से आप गाड़िओ में आते हो लोग वहा से पैदल आया करते है , जहाँ आपके लिए रस्ते में रुकने के लिए खाने और रहने की सुविधा उपलब्ध है वहा उस वक़्त ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध नहीं थी और वो लोग लोग भी उस एनर्जी को फील करने बस पागलो की तरह घरो से निकल पड़ते थे , उनको शायद हमसे ज्यादा जीवन का ज्ञान था , शायद आज आधे लोग रील्स बनाने , वीडियोस बनाने केदारनाथ आते है और थोड़ी सी भी प्रॉब्लम हो जाने के कारण सरकार को और यहाँ के मैनेजमेंट को 4 बाते सुनाने लगते है वो इस चीज़ को फील नहीं कर पाएंगे की जब ये मंदिर बन रहा होगा तब उस वक़्त क्या समस्याए आयी होगी ये कब बना ये कहना मेरा थोड़ा मुश्किल है क्युकी 400 साल तक यह मंदिर केवल बर्फ में दबा रहा , और उसके बाद लोग यहाँ जब तीर्थ करने पैदल आते थे और उनके पास कुछ सुख सुविधाएं भी नहीं थी तब वो लोग बस भगवन शंकर के दर्शन करने और उस एनर्जी को फील करने अपना सारा घर संसार छोड़ देते थे |
दोस्तों आप केदारनाथ एक टूरिस्ट बन कर आते हो और भगवन शिव के भक्त बन कर जाते हो क्युकी यहाँ पर फैली हुई वो एनर्जी आपको अंदर से सरे पापो को निचोड़ कर कर के आपको एक फ्रेश इंसान बना देती है , गंगा में जा कर भले आपके पाप न धुले लेकिन केदारनाथ में आकर आप वो नहीं रह जाते हो जो अभी आप हो , तो केदारनाथ कि यात्रा जरूर करे |
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