काल से मां पार्वती की शक्ति इस स्थान पर लोगों को मेहसूस में मौजूद है, यह मंदिर न केवल अपने धार्मिक महत्व के लिए बल्कि वैज्ञानिक रहस्यों के लिए भी प्रसिद्ध है, और यहां की प्राकृतिकता के बारे में बात करें तो बाते कम पढ़ेगी। इस मंदिर में है इतनी खसखस स्वामी विवेकानंद जी ने अपने ध्यान के लिए इस मंदिर को चुना, प्रसिद्ध हॉलीवुड गायक बॉब डायलन ने अपनी आध्यात्मिकता के लिए कसार देवी को चुना, आखिर क्या है ऐसी खसखस जो अमेरिकी और रूसी हैं, तो जाने-माने हैं मां कैसर देवी के बारे में
कसार देवी मंदिर का इतिहास
इस मंदिर का वर्णन हमारे पुराणों और वैज्ञानिक पुस्तकों में दोनों के दर्शन होते हैं और ये जगह ऐसी है जहां इंसान खुद के अंदर एक खिचाव महसूस करता है ऐसा दो कारणों से होता है धार्मिक गुरुओं के माने यहां मां शक्ति जीवंत स्वरूप में स्थापित है धार्मिक मान्यता एक कम्पन पूरे वातावरण में महसूर होता है, और शास्त्र विज्ञान की माने तो पूरे विश्व में कसार देवी एक ऐसा मंदिर है जो कि वैन एलन बेल्ट पर बना है मतलब इस मंदिर के नीचे बहुत बड़ा भूचुंबकीय पिंड मौजूद है भगवान से इंसान अपनी ओर एक खिचाव महसूस करता है और जो यहाँ
ध्यान का उद्देश्य ध्यान में अधिक जोर नहीं देना है और वो स्वयं इस शांत वातावरण में खो जाता है
कॉर्बेट का शेर गिरिजा देवी की रक्षा करता है
लोग यहां आते हैं और केवल कासर देवी के बारे में बात करते हैं लेकिन वो भूल जाते हैं बिना सृष्टि के रचयिता के। शक्ति है वहां शिव का भंडार, आप दुनिया के किसी भी शक्ति मंदिर में चले जाएं, वहां आपको शिव का मंदिर देखने को मिलेगा, पीछे भी कोई खास वजह नहीं होगी, यहां भी भोले बाबा का भंडार है, जहां से नंदी और भैरव जी भी दिखेंगे, कुछ सी हो दूर जाने पर एक और एक और लिंग दर्शन को मिलेगा जो कि बाकी लिंगों से अलग है और एक फैला हुआ मैदान है जहां बैठ कर आप आराम से मैड डेस्टिनेशन कर सकते हैं, ये वही जगह है जहां स्वामी जी के साथ अंग्रेजी के अवशेष शामिल हैं ने यहाँ ज्ञान ध्यान दिया
शक्तिपीठ सुरकंडा मंदिर खोला गया?
इसी गुफा के नीचे दो बड़ी चट्टानें हैं जहां से खूबसूरत बेहद खूबसूरत दिखती है और अगर मौसम साफ हो तो सूरज डूबने का नजारा आपको अपनी तरफ से खूबसूरत खूबसूरत पहाड़, खूबसूरत जगहें और शहर मिले, सच में अगर आप शांति की तलाश में हैं तो केसर देवी का मंदिर जरूर सामने आएगा।
स्वामी विवेकानंद कसार देवी कब आये :-
कसार देवी मंदिर, कसार गांव के पार के घाट में स्थित है, यह मांवती का एक स्वरूप है, यह मंदिर 2 शताब्दी का बताया जाता है, 1890 के दशक में स्वामी विवेकानंद जी ने उत्तराखंड का दौरा किया था और यहां आए थे, जहां वे काफी लंबे समय के मित्र थे। और पागलखाना की | उनके बाद तो जैसे विदेशी लोगों के आने का ताँता ही यहाँ लग गया पर सुनीता बाबा, अल्फ्रेड सोरेनसेन और लामा अनागारिक गोविंदा यहाँ आ गए हैं। 1960 और 1970 के दशक में यह स्थान हिप्पियों के लिए प्रसिद्ध था, यह मंदिर अंग्रेजों की पसंदीदा जगह बन गया |
कसार देवी मंदिर कैसे पहुंचे (कैसे पहुंचें कसार देवी मंदिर)
हवाई मार्ग से - अगर आप हवाई जहाज से जाना चाहते हैं तो सबसे छोटा हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा है जहां से कसार देवी मंदिर की दूरी 127 किमी है, वहां से आप यात्रा या बस के लिए प्रस्थान कर सकते हैं, यदि आपके पास कोई विकल्प नहीं है तो आप आप बस तक ले जा सकते हैं और उसके बाद आपको ट्रेन आराम से मिल जाएगी |
सड़क मार्ग से - आप आसानी से सड़क मार्ग से कसार देवी मंदिर तक पहुंच सकते हैं, आप बस या टैक्सी से आसानी से पहुंच सकते हैं और अपनी कार में हो सकते हैं। |
ट्रेन द्वारा - कसार देवी की दूरी लगभग लगभग 13 किलोमीटर है। |