Procedure to Wear Yellow Pukhraj -  Pukhraj Mantra Hindi

Procedure to Wear Yellow Pukhraj - Pukhraj Mantra Hindi

पुखराज पहनने के मंत्र  

पुखराज धारण करने के लिए, सबसे पहले इसे गंगाजल और दूध से शुद्ध करें, फिर देवगुरु बृहस्पति की पूजा करें

पुखराज पहनने के लिए गुरु मंत्र, "ॐ बृं बृहस्पतये नमः" / "ॐ बृं बृहस्पतये नमः" का 108 बार जाप करें। शुद्धिकरण और सक्रियण के बाद, रत्न पहनने का समय आता है। सामान्य तौर पर, ज्योतिषी कनकपुष्यारागम रत्न को तर्जनी अंगुली में पहनने का सुझाव देते हैं। कभी-कभी, वे इसे प्रमुख हाथ की अनामिका अंगुली में पहनने की भी सलाह देते हैं। 

पुखराज कब पहना जाता है

पुखराज, जो बृहस्पति ग्रह से संबंधित है, को धारण करने के लिए गुरुवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है, और इसे धारण करने से पहले गंगाजल और दूध से शुद्ध करना चाहिए 

अन्य महत्वपूर्ण बातें:

कुंडली: पुखराज धारण करने से पहले किसी ज्योतिष से अपनी कुंडली का निरीक्षण कराकर सलाह जरूर लें शुभ मुहूर्त: एकादशी, पुष्य नक्षत्र, और द्वादशी तिथि को पुखराज धारण करना शुभ माना जाता है

नियम: पुखराज को पहनने के बाद दोबारा न उतारें, और यदि उतारना पड़े तो दोबारा पहनने से पहले इसकी पूर्ण पूजा करें 

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पुखराज कौन पेहेन सकता है ?

ज्योतिष के अनुसार, पुखराज रत्न धारण करने के लिए कुछ विशिष्ट राशियाँ और कुंडली में गुरु ग्रह की स्थिति महत्वपूर्ण होती है, जैसे कि धनु और मीन राशि वाले लोग, या जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह शुभ स्थिति में हो 

धनु और मीन राशि: इन दोनों राशियों के स्वामी गुरु बृहस्पति हैं, इसलिए पुखराज इन राशियों के लिए शुभ माना जाता है

कुंडली में शुभ गुरु: जिन लोगों की कुंडली में गुरु ग्रह उच्च या शुभ स्थिति में हो, वे भी पुखराज धारण कर सकते हैं. 

तुला लग्नतुला लग्न वाले जातक भी पुखराज पहन सकते हैं, क्योंकि गुरु उनके पंचम भाव के स्वामी होते हैं. 

मेष, सिंह राशि: इन राशियों के जातकों को भी पुखराज पहनना शुभ माना जाता है 

सबसे अच्छा पुखराज कौन सा है - पुखराज पेहेनने से...

पुखराज को अभिमंत्रित कैसे करें?  

पुखराज रत्न को अभिमंत्रित करने के लिए, सबसे पहले इसे गंगाजल और दूध से शुद्ध करें, फिर बृहस्पति देव की पूजा करें और "ॐ बृं बृहस्पतये नम:" मंत्र का 108 बार जाप करें. 

यहाँ पुखराज रत्न को अभिमंत्रित करने की प्रक्रिया की पूरी जानकारी दी गई है।  

शुद्धिकरण:

  • पुखराज रत्न को धारण करने से पहले, इसे गंगाजल और गाय के कच्चे दूध से तीन बार धोकर शुद्ध करें. 
  • ऐसा करते समय, "ॐ स्त्रीं ब्रह्म बृहस्पतये नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें 

पूजा:

  • बृहस्पति देव की पूजा करें और धूप-दीप जलाएं. 
  • "ॐ बृं बृहस्पतये नम:" मंत्र का 108 बार जाप करें. 

पुखराज की प्राण प्रतिष्ठा कैसे की जाती है?

पुखराज रत्न की प्राण प्रतिष्ठा के लिए, रत्न को पहले गंगाजल और दूध से धोकर पवित्र करें, फिर शुभ मुहूर्त में गुरु बृहस्पति की पूजा करें और "ॐ बृं बृहस्पतये नमः" मंत्र का जाप करें. 

सबसे अच्छा पुखराज कौन सा है - पुखराज पेहेनने से...

पुखराज रत्न की प्राण प्रतिष्ठा की विधि 

  • शुद्धिकरण: पुखराज रत्न को धारण करने से पहले, उसे गंगाजल और गाय के कच्चे दूध में डुबोकर शुद्ध करें.

  • पूजा: शुभ मुहूर्त में देव गुरु बृहस्पति की पूजा करें और उन्हें पीले फूल, चंदन, और मिठाई अर्पित करें. 

  • मंत्र जाप: ॐ बृं बृहस्पतये नमः" मंत्र का 108 बार जाप करें. 

  • धारण: रत्न को सोने या पंचधातु की अंगूठी में जड़वाकर तर्जनी उंगली में धारण करें. 

  • शुभ दिन: पुखराज रत्न को गुरुवार के दिन धारण करना सबसे शुभ माना जाता है 

रत्न प्राण प्रतिष्ठा की विधि क्या है? पुखराज पहनने के मंत्र

रत्न की प्राण प्रतिष्ठा के लिए, रत्न को गंगाजल और दूध से शुद्ध करें, देव गुरु बृहस्पति की पूजा करें और "ॐ बृं बृहस्पतये नमः" मंत्र का जाप करें। पुखराज धारण करने के लिए, इसे सोने में जड़वाकर तर्जनी उंगली में पहनें, और धारण से पहले रत्न को दूध और गंगाजल से शुद्ध करें। 

पुखराज पहनते समय इन मंत्रो  का जाप  जरूर करें। 

पुखराज पहनने से पहले ॐ बृं बृहस्पतये नमः और ॐ स्त्रीं ब्रह्म बृहस्पतये नमः मंत्र का जाप किया जाता है. इसके अलावा, बृहस्पति के तांत्रिक मंत्र का भी जाप किया जा सकता है.

पुखराज रत्न पहनने से क्या लाभ होता है? Pukhraj ...

पुखराज पहनने के मंत्र: ॐ बृं बृहस्पतये नमः, ॐ स्त्रीं ब्रह्म बृहस्पतये नमः, ॐ ज्रॉं ज्रीं ज्रौं स: गुरुवे नमः.  

हर रत्न धारण  नियम होता है  और इसे ध्यान में रखकर रत्न धारण करना शुभ माना जाता है और आपको इसके शुभ फल मिलते है।

 

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