कॉर्बेट के शेर करते है गिरिजा देवी की रक्षा - History  of  Garjiya  Devi  Temple  Ramnagar

कॉर्बेट के शेर करते है गिरिजा देवी की रक्षा - History of Garjiya Devi Temple Ramnagar

आज एक ऐसे मंदिर के बारे में जानते है  जहाँ आज भी शेर माँ के मंदिर  की परिक्रमा करते है , कहते है ये मंदिर बहते हुए  यहाँ आया था , कोसी नदी के बीच   बसा ये बेहद छोटा सा मंदिर राम नगर नैनीताल की पहचान बन चूका है , तो चलिए आज माँ गिरिजा के इतिहास के बारे में जानते है और जानते है इस इस टीले में बसी माँ गिरिजा कहा से आयी और इनका नाम गिरिजा क्यों पड़ा 


गिरजा देवी मंदिर का इतिहास (History Of Garjiya Devi Temple)


माँ गिरिजा देवी का यह मंदिर जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से महज़ 6 से 7 किलोमीटर की दूरी पर है ,  बेहद संवेदनशील इलाके में कोसी नदी के किनारे बसा ये मंदिर एक टीले पर स्थित  है, पहले गिरिजा देवी के दर्शन करने सिर्फ यही के लोग आते थे लेकिन कुछ चमत्कार ऐसे होते है जो बहोत दूर तक फ़ैल जाते है और उस चमत्कार के बाद माँ गिरिजा देवी सिर्फ रामनगर की ही नहीं बल्कि पूरे देश की  जाने माने  वाली देवी बन गयी , मंदिर में दर्शन करने के लिए पहले आपको कोसी नदी में स्नान  करना पड़ता है फिर 90  सीडिया चढ़कर माँ के दर्शन करने जाना होता है ,

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उस के बाद नीचे आकर भैरव बाबा के दर्शन करने होते है साथ ही आपको यहाँ गणेश जी लक्ष्मी नारायण , और माँ सरस्वती के भी दर्शन होते है लेकिन आपके मन में भी यह सवाल आता   होगा की ये मंदिर एक टीले पर क्यों है और इतनी आपदाओं के बाद ये मंदिर अपनी जगह से नहीं हिल पता , और क्यों इस नदी का नाम कोसी नदी है ?


पुराणों में वर्णन है की किसी ज़माने में यहाँ कौशिकी ऋषि ने बैठ कर तप किया था तभी से गिरिजा देवी के समीप बहने वाली नदी को कोशी नदी कहते है   यह मंदिर  सदियों से है किसी ज़माने में यह मंदिर यहाँ बहते हुए आया था जिसके अंदर माँ की मूर्ती स्थापित थी लेकिन ये कौन सी देवू है उस्का पता लगा पाना स्थानीय लोगो के लिए मुश्किल था , लेकिन उसी टीले पर यह मंदिर स्थापित हो गया   , बाद में लोगो ने देखा की रोज़ कॉर्बेट  के शेर यहाँ आकर परिक्रमा करते है और ज़ोर ज़ोर से गर्जना करते है , चूँकि   शेर की सवारी माँ शक्ति की है और माँ शक्ति स्वयं गिरिराज पुत्री है ताब से माँ का नाम गिरिराज पुत्री के नाम से प्रसिद्द हो गया , स्थानीय भाषा अप्ब्रंश के कारन गिरिराज पुत्री  से ये माँ गिरिजा देवी बनी और आज सब माँ को गिरिजा देवी के नाम से जानते है , 

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मानसून में कोसी नदी का बहाव इतना तेज़ हो जाता है की माँ गिरिजा देवी मंदिर का आधा हिस्सा पानी में डूब जाता है और भक्त माँ के दर्शन केवल बहार से ही कर पाते है इसीलिए यहाँ जब भी आप आओगे   तो देखोगे की मंदिर के आस पास कोई भी 

पक्की दुकान नहीं है सब   झोपडी के नीचे कुर्सी लगाकर फूल प्रशाद और चाय मैगी बेचते  है 

कैसे पहुंचे गिरिजा देवी मंदिर (How To Reach Garjiya Devi Mandir )

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Nearest Airport - Pant Nagar Airport Distance - 2 hr 14 min (90.4 km) via NH109

Nearest Railway - Kashipur Railway Station - 1 hr 4 min (42.0 km) via NH309

Nearest Bus Stand - Ramnagar Bus Stand -  25 min (14.1 km) via NH309

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