आज के इस ब्लॉग में आपको काशी विश्वनाथ के बारे में पता चलेगा , वाराणसी के नहीं बल्कि उत्तराखंड के पूरे भारतवर्ष में 6 काशी प्रसिद्द है , गुप्तकाशी , गया काशी बिहार में , , दक्षिण काशी , पूर्व काशी और उत्तरकाशी , इन सभी काशी में दो काशी जरुरी है पूर्व काशी और उत्तरकाशी
History Of Kashi Vishwnath Uttrakhand (Uttarkashi)
पूर्व काशी में वाराणसी आ जाता है जहाँ बाबा काशी विश्वनाथ ज्योतिर्लिंग के स्वरुप में विराजमान है , और उत्तकाशी जहा भी बाबा विश्वनाथ अपने स्वयंभू अवतार में स्थापित है , उत्तरकाशी के विश्वनाथ भी सर्व प्रसिद्द है क्युकी यहाँ पर भोले बाबा का शिवलिंग स्वयंभू है और यहाँ मा दुर्गा का स्वयंभू त्रिशूल भी स्थित है जो पूरे विश्व का सबसे लम्बा स्वयंभू त्रिशूल है ,
भगवान् शिव का यह मंदिर परशुराम द्वारा स्थापित माना जाता है लेकिन इस मंदिर का आधुनिक निर्माण टेहरी के राजा सुदर्शन शाह ने करवाया था
स्कन्दमहापुराण के केदारखंड ने वेद व्यास जी ने लिखा है कि जब कलयुग में पाप ज्यादा बढ़ जायेगा तब भगवान् शंकर लोक कल्याण और जन कल्याण के लिए अपनी काशी यहाँ बसायेंगे , अभी भोले बाबा वाराणसी की काशी में स्थित है और भोले बाबा की दूसरी काशी उत्तरकाशी में है , इसीलिए यह भी एक ज्योतिर्लिंग के सामान ही मूलयवान है , इस जगह का नाम सौम्य काशी भी है , इसे सौम्यकाशी इसलिए कहते है जब परशुराम जी का युद्ध क्षत्रियो के साथ हुआ था जब वह बहोत क्रोधित थे तब वो इस जगह पर ए थे और उनका क्रोध शांत हुआ , सौम्य का अर्थ होता है शांत इसीलिए इस जगह का नाम सौम्यकाशी है । और तब परशुराम जी द्वारा यहाँ स्वयंभू शिवलिंग पर मंदिर का निर्माण हुआ जिसे आज हम काशी विश्वनाथ के नाम से जानते है
इसे भी पढ़े - कौन है माँ कुंजापुरी - History of maa कुंजापुरी
काशी विश्वनाथ मंदिर बहोत ही ज्यादा खूबसूरत मंदिर है और ये है वो त्रिशूल जिसकीउँचाई 26 फ़ीट है ,और इस त्रिशूल की बनावट में न कोई लोहा है , न कोई ताम्बा, न मिटटी , न पत्थत , ये किस चीज़ से बना है इसका पता वैज्ञानिक भी नहीं लगा पाए , मान्यता है की ये त्रिशूल स्वर्ग से उतरा था , और माँ दुर्गा का त्रिशूल है, त्रिशूल के दर्शन से पहले हम बाबा विश्वनाथ के दर्शन करते है , और ये मंदिर के पीछे का एरिया है जो बहोत ही ज्यादा सुन्दर है
इसे भी पढ़े - ऐस्ट्रो नवग्रह वॉच क्यों है ख़ास ( Astro Navgraha Watch )
कैसे पहुंचे काशी विश्वनाथ मंदिर
काशी विश्वनाथ मंदिर उत्तरकाशी में है यहाँ आप देहरादून ऋषिकेश सभी जगह से आ सकते है , देहरादून से उत्तरकाशी की दूर लगभग 200 किलोमीटर है और ऋषिकेश से 167 KM है। आप बस , ट्रैन , या Aeroplane से भी उत्तरकाशी आ सकते है
Via Train - ट्रैन में आप ऋषिकेश से आ सकते है ऋषिकेश से सभी रुट्स बेहतर तरीके से जुड़े हुए है
Via Air - सबसे नजदीकी एयरपोर्ट जॉलीग्रांट देहरादून का पड़ता है उसके बाद आप ऋषिकेश तक टैक्सी में आ सकते है उसके बाद आपको सीधा उत्तरकाशी तक बस मिल जाएगी