गुजरात के कोटेश्वर मंदिर की कहानी || Koteshwar Temple Story Katchh - SKmystic Blogs

गुजरात के कोटेश्वर मंदिर की कहानी || Koteshwar Temple Story Katchh - SKmystic Blogs

भारत में दो कोटोश्वर मंदिर है, एक कोटोश्वर उत्तराखंड रुद्रप्रयाग में और एक कोटेश्वर कच्छ गुजरात में। इस ब्लोग में हम कोटेश्वर गुजरात के बारे मे जानेंगे, अगर आप उत्तराखंड के कोटेश्वर महादेव मंदिर के बारे में जानना चाहते है तो यहाँ दिए लिंक पर क्लिक करें… 

 गुजरात का कोटेश्वर मंदिर राज्य के कच्छ जिले में स्थित एक प्रमुख हिंदू मंदिर है। यह मंदिर कोटेश्वर नगर नामक छोटे शहर में स्थित है, जो कच्छ क्षेत्र की राजधानी माना जाता है। यह मंदिर माता देवी कोटेश्वर की पूजा और आराधना के लिए प्रसिद्ध है और वर्षभर दर्शनार्थियों को आकर्षित करता है।

कोटेश्वर मंदिर की कहानी महाभारत काल से जुड़ी हुई है। ऐसा कहा जाता है कि पांडवों ने अपने वनवास के दौरान यहां रुककर अपनी आराधना की थी। यहां उन्होंने एक शिवलिंग की स्थापना की थी और उसे "कोटेश्वर" नाम दिया।

कोटेश्वर मंदिर की निर्माण योजना का शुभारंभ 1820 में हुआ था, जब श्री राम राजा जी द्वारा इसका निर्माण शुरु किया गया। अलग-अलग युग में मंदिर का विस्तार किया गया और उसे सुंदरता से सजाया गया।

इस मंदिर का मुख्य गोपुरम और वाहन द्वार संगमरमर के बने हुए हैं और उनमें देवी कोटेश्वर की मूर्ति स्थापित है। मंदिर के अंदर आपको भगवान शिव, माता पार्वती, लक्ष्मी-नारायण, गणेश, सूर्य और नवग्रहों की मूर्तियां देखने को मिलेंगी।

कोटेश्वर मंदिर में वर्ष भर माता देवी के भक्तों की भीड़ लगती है। नवरात्रि एक विशेष अवसर है जब मंदिर में भक्तों की भीड़ बहुत ज्यादा होती है। यहां परंपरागत रूप से नवरात्रि में विशेष पूजा और भजन-कीर्तन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

कोटेश्वर मंदिर गुजरात के प्रमुख प्राचीन मंदिरों में से एक है और यहाँ आराम से पहुंचा जा सकता है। इसकी सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व और आसपास की प्राकृतिक सौंदर्य के कारण यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है।

Back to blog

Leave a comment