कलावा क्या होता है ?
अलावा, हाथों की कलाई पर बांधा जाने वाला पवित्र धागा होता है. इसे मौली भी कहा जाता है , यह धार्मिक आस्था और विश्वास से जुड़ा होता है सनातन धर्म में कलावे का विशेष महत्व है हिन्दू धर्म में कलावे को रक्षा के लिए धारण किया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि जो कोई भी विधि विधान से रक्षा सूत्र या कलावा धारण करता है उसकी हर प्रकार की समस्या दूर हो जाती है।
कलावा क्यों जरूरी होता है?
अलावा को रक्षा सूत्र माना जाता है और इसे बांधने से कई फायदे भी होते हैं. कलावा बांधने से त्रिदेवों का आशीर्वाद मिलता है और व्यक्ति को हर बाधा से मुक्ति मिलती है ब्रह्मा, विष्णु और महेश भगवान का आशीर्वाद मिलता है। आपके जीवन में सुख और समृद्धि आती है।
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आप हमेशा बलाओ से बचे रहे इसलिए कलाव जरूरी होता है। कलावा बांधने से व्यक्ति के हाथ से किए जाने वाले सभी काम सफल होते हैं कलावा बांधने से ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, और हृदय गति पर नियंत्रण रहता है। इसलिए कलावा जरूरी होता है।
कलावा किस हाथ में बांधा जाता है ?
कलावा बांधते समय हमे इस बात का ध्यान रखना चाहिए ही की कलावा किस हाथ में बंधवाएं। कुंवारी कन्याओं और पुरुषों को हमेशा दाहिने (Right) हाथ में कलावा बंधवाना चाहिए। वहीं विवाहित महिलाओं के बाएं (Left) हाथ में कलावा बनवाना शुभ होता है। इस बात का ध्यान आपको अवश्य रखना चाहिए।
कलावा कब उतारना चाहिए ?
कलावा उतारने के लिए मंगलवार और शनिवार का दिन सबसे शुभ माना जाता है. कलावा उतारने के बाद, नया कलावा बांधना चाहिए। कलावे को कभी इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए। पुराने कलावे को पीपल के पेड़ के नीचे रखना चाहिए। या फिर इसे आप बहते जल में दाल सकते है। उतरे कलावे को दोबारा कभी नहीं पहनना चाहिए। अगर आपके कलावे का रंग उतर गया है तो इसे उतार देना चाहिए और नया कलावा बांधना चाहिए।
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कलावा कितनी बार लपेटना चाहिए?
शास्त्रों के मुताबिक, कलावा तीन, पांच, या सात बार लपेटना चाहिए। और जब आप कलावा बंधवा रहा हो तो हाथ में सिक्का जरूर रखे।
कलावा किसका प्रतीक है?
कलावा, देवी-देवताओं की कृपा, सुरक्षा, और शुभता का प्रतीक है. इसे रक्षा सूत्र या मौली भी कहा जाता है. यह धार्मिक प्रतिज्ञाओं और जिम्मेदारियों का प्रतीक है। कलावा बांधने से मनुष्य की कई समस्याओं से रक्षा होती है। कलावे को हाथ में बांधना बहुत शुभ माना जाता है चाहे किसी बड़े अनुष्ठान या पूजा की शुरुआत हो या राखी के दौरान, यह कलावा कलाई पर बांधा जाता है जिससे ये सुरक्षा और कल्याण का प्रतीक बन जाता है।
कलावा कितने दिन बाद बदलना चाहिए?
कलावा को आम तौर पर 21 दिनों के बाद बदलना चाहिए। ऐसा इसलिए माना जाता है क्योंकि 21 दिनों के बाद इसका रंग उतरने लगता है। रंग उतरा हुआ कलावा बांधना अशुभ माना जाता है। और जब आप कलावा उतारे तो उसे शनिवार या मंगलवार को ही उतारे ये दिन इसके लिए अच्छा माना जाता है।
हाथ में कलावा बांधने से क्या फायदा होता है?
हाथ में कलावा बांधने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. ऐसा माना जाता है कि कलावा बांधने से आर्थिक परेशानी दूर होती है और नज़र दोष भी दूर रहता है. कलावा बांधने से जुड़ी कुछ और भी मान्यताएं हैं।
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कलावा बांधने से वात, पित्त, और कफ़ से जुड़ी समस्याओं से राहत मिलती है।
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कलावा बांधने से ब्लड प्रेशर, हृदय संबंधी बीमारियां, डायबिटीज, और पैरालिसिस जैसी बीमारियों से बचाव होता है।
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कलावा बांधने से त्रिदेवों की कृपा मिलती है।
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कलावा बांधने से मन शांत रहता है और आत्मबल बढ़ता है।
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कलावा बांधने से ईश्वर की कृपा और आशीर्वाद मिलता है।
कलावा बांधते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए ?
कलावा बांधते समय 'येन बद्धो बलि राजा, दानवेन्द्रो महाबलः, तेन त्वां मनु बध्नामि, रक्षे माचल माचल' मंत्र का जाप करना चाहिए. मान्यता है कि इस मंत्र के साथ कलावा बांधने से वह प्रभावी हो जाता है। और आप नकारात्मक ऊर्जा से सुरक्षित रहते है। ये सुरक्षा कवच की तरह काम करता है।
गले में कलावा पहनने से क्या होता है?
हिंदू धर्म में गले में कलावा पहनने से ब्रह्मा, विष्णु, और महेश का आशीर्वाद मिलता है, ऐसा माना जाता है. कलावे को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है। आपके स्वास्थ्य में सुधार आता है। और आपके जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है। डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, और लकवा जैसी बीमारियों से बचाव होता है। इसलिए गले में पहनना शुभ माना जाता है।
शिवलिंग पर कलावा बांधने से क्या होता है?
शिवलिंग पर कलावा बांधने से भगवान शिव का आशीर्वाद मिलता है और पूजा में बल मिलता है. कलावा को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है। इसे भगवान विष्णु, देवी लक्ष्मी और भगवान शिव की पूजा में बांधा जाता है। इससे आपको शुभ फल मिलते है।
कलावा बांधने के वैज्ञानिक और पौराणिक लाभ
कलावा बांधने के वैज्ञानिक और पौराणिक दोनों ही फायदे बताए जाते हैं
कलावा बांधने के वैज्ञानिक फायदे :-
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कलावा बांधने से वात, पित्त, और कफ का संतुलन बना रहता है।
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कलावा बांधने से ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर, और हार्ट रेट कंट्रोल में रहता है।
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कलावा बांधने से शरीर की नसों पर नियंत्रण रहता है।
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कलावा बांधने से बुरी नज़र से बचाव होता है।
कलावा बांधने के पौराणिक फायदे :-
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कलावा को रक्षा सूत्र माना जाता है.
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कलावा बांधने से ब्रह्मा, विष्णु, और महेश का आशीर्वाद मिलता है।
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कलावा बांधने से बुरी बलाओं और दुर्घटनाओं से बचाव होता है।
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कलावा बांधने से जीवन में शुभता और सफलता आती है।