हर इच्छा को पूरा करने वाला माँ बगलामुखी का मंत्र कैसे सिद्ध करे

हर इच्छा को पूरा करने वाला माँ बगलामुखी का मंत्र कैसे सिद्ध करे

बगलामुखी कौन है और इनकी उत्पत्ति कैसे हुई ?

मां बगलामुखी, हिन्दू धर्म की दस महाविद्याओं में से एक हैं  इन्हें शत्रुनाशिनी भी कहा जाता है इनकी उत्पत्ति सौराष्ट्र के हरिद्रा सरोवर से हुई थी. माना जाता है कि भगवान विष्णु की तपस्या से प्रसन्न होकर देवी बगलामुखी प्रकट हुई थीं 

मां बगलामुखी की उत्पत्ति की कथा :- 

  • सतयुग में एक बार भारी तूफ़ान और बाढ़ ने पृथ्वी को नष्ट करने का खतरा पैदा कर दिया था 
  • इस विपत्ति से बचने के लिए देवताओं ने भगवान विष्णु से मदद मांगी. 
  • भगवान विष्णु ने बताया कि इस विपत्ति को खत्म करने के लिए हरिद्रा सरोवर में जाकर तपस्या करनी होगी. 
  • भगवान विष्णु ने वहां जाकर देवी बगलामुखी की आराधना की. 
  • भगवान विष्णु की तपस्या से प्रसन्न होकर देवी बगलामुखी प्रकट हुईं |

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बगलामुखी मंत्र जाप विधि

मां बगलामुखी के मंत्र का जाप करने की विधि इस प्रकार है   

  • सुबह स्नान करने के बाद पीले रंग के कपड़े पहनें
  • पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पूजा करें
  • मां बगलामुखी को पीले आसन पर बिठाएं
  • मां को पीले फूल, चंदन, और वस्त्र चढ़ाएं
  • मां के सामने धूप, दीप, और अगरबत्ती जलाएं
  • हल्दी की माला से मंत्र का जाप करें
  • मंत्र जाप पूर्ण श्रद्धा से करें  

माँ बगलामुखी मंत्र को कैसे सिद्ध करें ? 

मां बगलामुखी के मंत्र को सिद्ध करने के लिए, इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। 

  • मंत्र जाप शुद्धता से करना चाहिए 
  • मंत्र जाप स्नान के बाद करना चाहिए 
  • मंत्र जाप पूर्ण श्रद्धा से करना चाहिए 
  • मंत्र जाप के साथ-साथ माता बगलामुखी का पूजन भी करना चाहिए 
  • मंत्र जाप के बाद गाय के शुद्ध घी से हवन करना चाहिए 
  • मंत्र जाप के लिए रुद्राक्ष या हल्दी की माला का इस्तेमाल किया जा सकता है 
  • मंत्र जाप के लिए चने की दाल से बने यंत्र का इस्तेमाल किया जा सकता है  
  • मंत्र जाप के लिए ताम्रपत्र या चांदी के पत्र पर मंत्र अंकित करवाया जा सकता है।  

जनेऊ पहनने के फायदे

बगलामुखी का जप कितना होता है ? 

मां बगलामुखी के मंत्र का जाप कितना करना चाहिए, यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस कामना के लिए जाप कर रहे हैं. मां बगलामुखी के मंत्र का जाप 40 दिनों तक 108 बार, 9 दिनों तक 3 माला, या 11 दिनों तक सवा लाख बार किया जा सकता है। 

बगलामुखी साधना के मुख्य नियम क्या है ? 

मां बगलामुखी की साधना के मुख्य नियम ये हैं :- 

  • पूजा के लिए सुबह स्नान करके पीले रंग के वस्त्र पहनें 
  • पूजा के दौरान मुंह पूर्व दिशा में रखें 
  • मां बगलामुखी की पूजा पीले रंग के आसन पर करें 
  • मां बगलामुखी को पीले रंग के फूल, चंदन, और वस्त्र चढ़ाएं
  • मां बगलामुखी को हल्दी का तिलक लगाएं 
  • मां बगलामुखी के सामने धूप, दीप, और अगरबत्ती जलाएं 
  • मां बगलामुखी की पूजा में पीले रंग का इस्तेमाल ज्यादा करें 
  • पूजा के बाद दान करें 
  • व्रत रखने वालों को रात में फलाहार करना चाहिए 
  • मां बगलामुखी की पूजा करते समय सात्विक आहार-विहार और व्यवहार रखना चाहिए 

मान्यता है कि मां बगलामुखी की पूजा करने से शत्रुओं से रक्षा होती है और जीवन में सफलता मिलती है। 

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क्यों है माँ को पीला रंग पसंद

मान्यता है कि मां बगलामुखी को पीला रंग बहुत पसंद है. इसलिए, बसंत पंचमी के दिन पीले रंग के कपड़े पहनकर मां सरस्वती की पूजा की जाती है। 

पीला रंग सुख-समृद्धि का प्रतीक है ,पीला रंग तनाव को दूर करता है। और इससे जीवन में खुशहाली आती है   

  • पीला रंग भगवान विष्णु का भी प्रिय रंग माना जाता है.
  • पीले रंग का इस्तेमाल पूजा के लिए के लिए  करना शुभ माना जाता है  

बगलामुखी यंत्र पहनने के फायदे  

बगलामुखी यंत्र को धार्मिक कार्यों में शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि बगलामुखी यंत्र पहनने से कई तरह के फायदे होते हैं।  

  • बगलामुखी यंत्र पहनने से कोर्ट-कचहरी के विवादों में जीत मिलती है 
  • यह यंत्र वित्तीय संकटों से भी निजात दिलाता है 
  • यह यंत्र बुरी नज़र से सुरक्षा देता है 
  • यह यंत्र झगड़ों और प्रतियोगिताओं में सफलता दिलाता है 
  • यह यंत्र नकारात्मक ऊर्जा से दूर रखता है 
  • यह यंत्र घर में सुख-समृद्धि और संपन्नता लाता है 
  • यह यंत्र असाध्य बीमारियों से मुक्ति दिलाता है 
  • यह यंत्र कुंडली में मौजूद अशुभ ग्रहों और अकाल मृत्यु जैसे अशुभ योगों को नष्ट करता है 

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कहाँ से खरीदें बगलामुखी यन्त्र  ?

बगलामुखी यन्त्र खरीदने के लिए आप Skmystic की वेबसाइट पर जाकर इसे खरीद सकते है।  क्योंकि यहां ये यंत्र आपको शुद्ध मंत्रो से अभिमंत्रित करके मिलता है। और इसका शुभ फल आपको मिलता है। असली यंत्र ही हमारे जीवन को बदल सकते है। 

 

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