रुद्राक्ष का नाम आपने बहुत बार सुना होगा। शिव भक्तों के लिए रुद्राक्ष का बहुत महतव है। रुद्राक्ष को पहनने से जीवन में सकारात्म ऊर्जा आती है मन और स्वास्थय अच्छा और धन आदि में लाभ मिलता है। लेकिन रुद्राक्ष क्या हाते है इनकी उत्पत्ति कैसे हुई जानने के लिए आगे पढें।
रुद्राक्ष क्या होते है?
रुद्राक्ष ‘इलाओकार्पस गैनिट्रस’ नामक पेड़ का बीज होता है। यह पेड़ पहाड़ी इलाकों में ऊचाई वाले क्षेत्रों में पाएं जाते है खासकर हिमालय पर, लेकिन भारत के साथ यह नेपाल,बर्मा, थाइलेंड या इंडोनेशिया में भी पाएं जाते है। ऐसा माना जाता है की रुद्राक्ष की उत्पत्ति शिव के आंसु ही है। इसलिए ही रुद्र के अक्ष के रूप में इसका नाम रुद्राक्ष पड़ा और शिव भक्तों के लिए शिव का आशीर्वाद बन गया।
रुद्राक्ष पहनने के लाभ- Benefits of Rudraksha
- रुद्राक्ष पहनने से सकारात्मक ऊर्जा बढती है
- रुद्राक्ष पहनने से शारीरिक समस्याएं दूर होती है खासकर दिल की बीमारियों मे इसे पहनने से बहुत लाभ होता है जिसे विज्ञानिकों ने भी मान लिया है।
- इसे पहनने से हमेशा महालक्ष्मी का आशीर्वाद बना रहता है और भाग्य अच्छा होता है।
- रुद्राक्ष को पहनने से जीवन में हर सुख की प्राप्ति होती है।
- मन और दिमाग शांत रहते है।
रुद्राक्ष पहनने की हानि:
- रुद्राक्ष नियमपूर्वक ना पहनने से मन अस्थिर हो जाता है।
- रुद्रक्ष पहनने के बाद नियमों का पालन ना करने से काम बिगड़ने लगने है।
- रुद्राक्ष को किसी नकारात्मक जगह पहनकर जाने वो वहाँ की नकारात्मकता को सौख लेता है।
रुद्राक्ष कितने प्रकार के होते है?
एक से 14 मुखी रुद्राक्ष है भगवान की विभिन्न शक्तियों का प्रतीक:
- एक मुखी रुद्राक्ष जिसे भगवान शंकर का।
- दो मुखी रुद्राक्ष को अर्धनारेश्वर का।
- तीन मुखी रुद्राक्ष अग्नि का।
- चार मुखी रुद्राक्ष ब्रह्मस्वरुप का।
- पंच मुखी रुद्राक्ष कालाग्नि का।
- छ: मुखी रुद्राक्ष कार्तिकेय का।
- सात मुखी रुद्राक्ष कामदेव का।
- आठ मुखी रुद्राक्ष गणेश और भैरव क।
- नौ मुखी रुद्राक्ष देवी भगवती और शक्ति का।
- दस मुखी रुद्राक्ष को दशों दिशाओं और यम का।
- ग्यारह मुखी रुद्राक्ष साक्षात भगवान रुद्र का।
- बाहर मुखी रुद्राक्ष सूर्य, अग्नि और तेज का।
- तेरहा मुखी रुद्राक्ष विजह और सफलता का।
- और चौदह मुखी रुद्राक्ष को भगवान शंकर का।
रुद्राक्ष कैसे पहने?
रुद्राक्ष को सही तरीके से पहनना बहुत ज़रुरी है नही तो आपको बुरे परिणाम झेलने पड़ सकते है। हर रुद्राक्ष भगवान के अलग अलग स्वरुप का प्रतीक है इसलिए रुद्राक्ष को राशियों के अनुसार ही पहनने की सलाह दी जाती है। इसलिए अपनी राशी के अनुसार आपको जिस देवता की कृपा चाहिए उतने ही मुखी का रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। लेकिन पंच मुखी रुद्राक्ष कोई भी धारण कर सकता है।