कौन है रैसाड देवता - Who is Raisad Devta -  Famous Temple In Tehri Garhwal

कौन है रैसाड देवता - Who is Raisad Devta - Famous Temple In Tehri Garhwal

आज की कहानी है पहाड़ो में स्थित भगवान् शिव के दुर्गम मंदिर रैसाड देवता की , यहाँ पर शिव स्थानीय लोगो के कुल देवता के तौर पर विराज मान है , और सदियों से स्थानीय गांव  के लोगो के परेशानियों को दूर करते आ रहे है , 


मैंने जब इस मंदिर के बारे सुना तो थोड़ा सा हैरान हुआ की शिव का इतना खास मंदिर लोगो से इतना छिपा हुआ क्यों है , यहाँ जा कर पता चला की न सिर्फ यहाँ पर बल्कि समस्त हिमालय क्षेत्र के लोगो के लिए अलग अलग नाम से शिव उनके कुलदेवता के रूप में सदियों से   उस क्षेत्र की रक्षा करते आ रहे है , कही आगान देवता के रूप में तो कही रैसाड़ देवता के रूप में , इस जगह पर भी भगवान् शिव मूल रुप से स्थापित है और आस पास के गांव जैसे लाम कोट , भुना बागी , और अन्य गांव  के भी कुल देवता के तौर पर सदियों से यहाँ विराज मान है , 

वर्तमान का जो रैसाड देवता का विशाल मंदिर है वो तो हाल ही में अस्तित्व में आया उस से पहले रैसाड  देवता का मंदिर इसी जगह पर एक टीन शेड के नीचे था | रैसाड  देवता ने लोगो की मुश्किलों को हल किया और लोगो ने भी इस मंदिर को विशाल  करने के लिए भरकस प्रयास किया और आज इनका एक बेहद विशाल और सुन्दर मंदिर स्थित है जहाँ से बादशाही थौल और चम्बा के मनमोहन नज़ारे देखने को मिलते है , 

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यहाँ के पुजारी जी बताते है की रैसाड देवता भगवान् शिव के 108  नामो में से किसी एक नाम का पहाड़ी क्षेत्रीय अपभ्रंश है , यहाँ पर सदियों पहले का एक शिवलिंग था जो कभी स्थानीय  लोगो को दिखा था , उसके बाद गांव  के किसी बुजुर्ग को कई दिनों तक एक ही सपना आया  की जगह पर जो शिवलिंग है वो साक्षात्    शिव का स्वरुप है , उस बाद लोगो ने उस जगह पर शिवलिंग पर जल  , दूद  दही अर्पित करना शुरू किया , और रैसाद देवता अक्सर लोगो पर अवतरित होकर अपने होने का सबूत देते थे और उनकी परेशानियों दूर करते थे , धीरे धीरे एक टीन शेड से उनके शिवलिंग को ढका गया , लेकिन जब शिवलिंग पर दूद दही डालते थे तो उसको साफ़ करना मुश्किल हो जाता था क्युकी उस शिवलिंग का आकर बेहद टेड़ा मेडा था तो इस समस्या को देखते हुए लोगो ने चंदा इकठ्ठा कर के भगवान् शिव का एक विशाल मंदिर बनवाया और मैं शिवलिंग को नीचे धक् कर ऊपर से एक नया शिवलिंग लगाया और अब जो भी कोई अब शिव को दूद या जल अर्पित करता है तो ऊपर लगे शिवलिंग के जरिये नीचे जाता है और असल शिवलिंग का जलाभिषेक हो जाता है    

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एक दन्त कथा यह भी है की जब लोगो को यह शिवलिंग नुमा पठार  दिखा था तो तो लोगो ने इसे तोड़ने की कोशिश  की और जब यह आधा टूटा तो उस परिवार की आकस्मिक मृत्यु हो गयी और उस जगह से एक सांप निकला तो लोगो ने देखा और कहाँ इस सांप को मार देना चाइये तब किसी ने बुजुर्ग ने कहाँ की यह शिव का रूप है इनको दूद पिलाओ और जब सांप को दूद पिलाया तो वो सांप वहां से चला गया और अब मंदिर 4 किलोमीटर दूर हर 4 महीने में लोगो को दिखाई देता है 


रैसाड देवता के जैसे इस इलाके में अन्य मंदिर भी है जो स्थानीय लोगो के कुल देवता और कुल देवी है और बेहद प्रसिद्द है जैसे पुण्यासिनी देवी मंदिर , बटखेम काली माता मंदिर , आगान देवता मंदिर . ये सभी मंदिर स्थानीय देवता के कुल मंदिर है जहाँ उनके कुल देवता और कुल देवी विराजमान है और सदियों से उस जगह की रक्षा करते आ रहे है   


कैसे पहुंचे रैसाड देवता मंदिर How To Reach Raisad Devta Temple

Nearest Airport - Jolly Grant Dehradun - Distance - 70KM

Nearest Railway - Yog Nagri rishikesh -  Distance - 64 KM

Nearest Bus Stand -  Chamba - Distance - 4.5KM

 

 

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